आजकल सिरदर्द एक आम समस्या बन गई है। नींद ना आना, तनाव, अत्याधिक शोर, मोबाइल, लैपटॉप और टीवी ज्यादा देखने की वजह से सिर में दर्द होना स्वाभाविक है। लेकिन अगर आपको सिर के पीछे दर्द होता है तो सिर के पीछे दर्द के कारण अलग हो सकते हैं। सिर दर्द के प्रकार भी कई होते हैं जैसे सिर के आगे के हिस्से में दर्द होना, माथे में दर्द होना, कनपटी में दर्द होना, सिर में दाएं या सिर्फ बाएं एक भाग में दर्द होना, पूरे सिर में दर्द होना या सिर्फ सिर के पिछले हिस्से में दर्द होना।
ब्यूटी दुनिया के इस लेख में हम आपको अपनी बहुत सारी रिसर्च के आधार पर तय किए गए सिर के पिछले हिस्से में दर्द के कारण बताएंगे। जिन्हें जानना आपके लिए अत्यंत जरूरी है क्योंकि कारण जानकर ही आप उस समस्या का निवारण कर सकते हैं।
9 सिर के पीछे दर्द के कारण जानकर करें अपन…
सिर के पीछे दर्द के कारण | Sir Dard Kyu Hota Hai In Hindi
आजकल सिर दर्द छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र के लोगों को होने लगा है। इसका कारण है, तनाव पूर्ण माहौल और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का बढ़ता वर्चस्व और पूरी नींद ना होने की वजह से भी। इसी के साथ ही बहुत सारी बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू और अभी हाल ही में कोरोनावायरस की वजह से बहुत से लोगों में सिर में दर्द जैसी समस्या पाई गई।
निम्नलिखित कुछ सिर के दर्द के प्रकार बताए गए हैं जिससे आपको पता चलेगा कि सिर में दर्द क्यों होता है? (सिर के पीछे दर्द के कारण)
1. क्लस्टर सिर दर्द | सिर दर्द और आँखों में दर्द के कारण In Hindi
क्लस्टर सिरदर्द माइग्रेन का ही एक प्रकार है जो कि सिर में कहीं भी हो सकता है। पीड़ितों में यह लगभग एक चौथाई से अधिक सिर के पीछे में दर्द का अनुभव कराता है। कई बार क्लस्टर सिरदर्द दिन में कई बार हो सकता है। ऐसी स्थिति में किसी विशेष समय पर ही सिर में दर्द उठता है। यह सिरदर्द महीनों के अंतराल पर भी हो सकता है। क्लस्टर सिरदर्द में आंख के आसपास के हिस्से, कनपटी या फिर सिर के पिछले हिस्से में दर्द होता है।
2. तनाव सिरदर्द | Sir Dard Ke Karan
जब कोई व्यक्ति लंबे समय तनाव प्रेस में रहता है तो वह तनाव सिरदर्द का अनुभव कर सकता है। वर्तमान रिसर्च से पता चलता है कि लोगों में तनाव सिरदर्द को अनुभव करने की संभावना बढ़ती जा रही है, जो हमारी बढ़ती जीवनशैली के कारण हो रहा है। इसमें दर्द, गर्दन और सिर के पिछले हिस्से से शुरू होता है।
3. वर्टिब्रल आर्टरी डाईसेक्शन | Sir Dard Kyu Hota Hai In Hindi
वर्टिब्रल आर्टरी डाईसेक्शन मुख्य आर्टरी होती है। जब इस आर्टरी पर दबाव पड़ता है तो दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द सिर के पिछले हिस्से के दर्द का कारण भी बन सकता है। धीरे-धीरे यह सिर के पीछे हिस्से से होते हुए जबड़े तक आता है। अगर आप भी किसी तरह के सिर दर्द से परेशान हैं तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें।
4. लिम्फ नोड्स में सूजन | Sir Ke Back Side Dard
लिंफ नोड्स कान के पीछे होते हैं। जब यह नोड्स किसी कारणवश सूज जाते हैं तो दर्द का एहसास होता है जिसकी वजह से सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द काफी कष्टदायक होता है। जब भी आप इस दर्द से गुजरे तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।
5. ऑक्सीपिटल नेयुरेल्जिया | सिर दर्द और आँखों में दर्द के कारण इन हिंदी
यह दर्द सिर के ऑक्सीपिटल नर्व्स से संबंधित होता है। यह दर्द बेहद पीड़ादायक होता है। इस स्थिति में सिर के पिछले हिस्से में दर्द उठता है। यह दर्द आंखों तक महसूस हो सकता है। इसलिए इस दर्द के महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
6. साइनसाइटिस | सिर के पिछले हिस्से में दर्द के कारण इन हिंदी
वैसे तो का दर्द माथे पर होता है। लेकिन साइनस की समस्या बढ़ने पर रोगी को सिर के पिछले हिस्से में भी दर्द होने लगता है। दरअसल उस दौरान व्यक्ति को सांस लेने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है। जिससे सिर में दर्द होने लगता है। यह दर्द सिर के पीछे, माथे के आसपास महसूस किया जा सकता है।
7.कार्डिएक | Sar Mein Dard Kyon Hota Hai
सिर के पीछे का दर्द दिल का दौरा पड़ने से या अन्य इस्केमिक हृदय की स्थिति से भी होता है। एक अध्ययन से पता चला कि दिल के दौरे के शिकार लोगों ने सिर के पीछे में दर्द महसूस किया।
8. माइग्रेन सर दर्द | Sir Me Ek Side Dard Hona
माइग्रेन का दर्द काफी तेज और असहनीय होता है। इस तरह का दर्द कुछ घंटों से लेकर, कुछ दिनों तक रह सकता है। इस तरह का दर्द एक महीने में 3 से 4 बार हो सकता है। इस दर्द की खास पहचान ये है कि इसके कुछ और दूसरे लक्षण भी हैं जैसे रोशनी या लाइट से परेशानी होना, तेज आवाज से तकलीफ बढ़ना, उल्टी आना, जी-घबराना, भूख खत्म होना, पेट खराब होना, पेट दर्द आदि भी शामिल हैं।
9. पोस्ट ट्रॉमेटिक सिर दर्द |
ये दर्द किसी तरह की चोट लगने के बाद होने वाला दर्द है। ऐसा दर्द चोट लगने के 2-3 दिन बाद उभर सकता है। इसमें दर्द के दौरान आपको स्मृति से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। साथ ही थकान का एहसास होना, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी जैसी दिक्कतें भी होती हैं। ये सिर दर्द आम तौर पर कुछ हफ्ते तक हो सकता है लेकिन ज्यादा समय तक रहने पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
Sir Dard Ka Ilaj
- गर्मियों में ठंडे तेल की मालिश सिर दर्द से राहत दिला सकती हैं।
- सिर को हल्के हाथों से दबाकर भी सिरदर्द से राहत मिलती है।
- अपना ध्यान दर्द से हटाकर कहीं और लगाने की कोशिश करें जैसे हल्का संगीत सुनें गहरी सांसे ले।
- बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स को रोज खाएं इससे तनाव कम होता है और दिमाग मजबूत होता है।
- आप सुदर्शन क्रिया कर सकते हैं।गर्मी है तो ठंडा पानी खूब पिए सर्दी है तो सिर को ठंड से बचा कर रखें।
- अदरक की चाय पी कर देखें अदरक की चाय माइग्रेन जैसे दर्द में भी राहत पहुंचाती है।
- सर दर्द में सरसों का तेल काफी असरदार होता है माथे के जिस हिस्से में दर्द हो रहा है उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदे डाल लीजिए और उसके बाद जोर से सांसो को ऊपर की तरफ कीजिए इससे सर दर्द में काफी राहत मिलेगी
- दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप लगाने से सर दर्द में राहत मिलती है।
- पुष्कर मूल कुदरती जड़ी बूटी है इसे चंदन की तरह पीसकर लेप बना ले और सिर पर लगाएं।
निष्कर्ष । Conclusion
इस पोस्ट में हमने आपको सिर के पीछे दर्द के कारण सांझा किए हैं। यहां हम आपको सिर्फ यही कहना चाहेंगे कि इन कारणों को जानने के बाद आप अपनी समस्या का निवारण कर सकते हैं। सिर का दर्द वैसे तो एक आम बात है लेकिन अगर यह निरंतर बढ़ता जाए और स्वयं से और घरेलू उपचारों से ठीक ना हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आप हमें कमेंट बॉक्स में अपनी समस्या यानी आपको किस वजह से सिर में दर्द होता है, शेयर कर सकते हैं और अपनी समस्या के लिए आप किस तरह का उपाय या डॉक्टरी ट्रीटमेंट ले रहे हैं वह भी सांझा कर सकते हैं। आपकी मदद दूसरे लोगों के समस्या के निवारण में योगदान कर सकती है। तो हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद सिर के पीछे दर्द के कारण समझ में आ गए होंगे और आप अपने अनुभव हमारे साथ साझा अवश्य करेंगे।
FAQ
1. सिर में दर्द क्यों होता है?
सिर का दर्द दिमाग में रक्त कोशिकाओं और शिराओं के आपस में टकराने से होता है। दर्द के समय रक्त कोशिका की एक निश्चित शिरा और सिर की मांसपेशियां सक्रिय होती है और दिमाग को दर्द का सिग्नल भेजती है जिससे सिर दर्द महसूस होता है।
यहां जानिए सिर दर्द के कारण क्या-क्या हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण भले ही सामान्य हो सकते हैं, लेकिन उनपर वक्त रहते ध्यान देना जरूरी है (2) (6)। नीचे पढ़ें सर दर्द क्यों होता है?
- तनाव
- मांसपेशियों में खिंचाव
- दांत या जबड़े की समस्या
- संक्रमण
- डाइट (चाय या कॉफी का अधिक सेवन या भूखे रहना)
- आंखों की समस्या
- हार्मोनल बदलाव
- कुछ खास तरह की दवाइयां
- कान, नाक या गले से जुड़ी कोई समस्या
- तंत्रिका तंत्र से जुड़ी कोई बीमारी
- गर्दन, सिर या रीढ़ की हड्डी पर लगी किसी तरह की चोट
- उच्च रक्तचाप की समस्या
- गलत मुद्रा में सोना, उठना या बैठना
- शराब का सेवन
- मौसम या तापमान में बदलाव जैसे – बहुत ठंड या अत्यधिक गर्मी
- बहुत ज्यादा शोर के कारण
- डिहायड्रेशन
- रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण (Temporal Arteritis)
- गठिया
- ब्रेन ट्यूमर
जारी रखें पढ़ना
ये थे कुछ कारण जिनसे सिरदर्द हो सकता है। अब आगे जानिए सर दर्द का घरेलू उपाय करने के कुछ आसान तरीके।
सिर दर्द के घरेलू इलाज – Home Remedies for Headache in Hindi
नीचे बताए गए ये उपाय सिरदर्द की दवा तो नहीं हैं, लेकिन हल्के-फुल्के सिरदर्द को थोड़ी देर के लिए कम करने में सहायक हो सकते हैं। नीचे जानिए सिर दर्द होने पर क्या करना चाहिए?
1. ठंडी सेंक
सामग्री
- बर्फ के कुछ टुकड़े या ठंडा पानी
- आइस बैग
उपयोग करने का तरीका
- अगर किसी को गर्मी के दिनों में सिरदर्द की परेशानी हो रही है, तो बर्फ के टुकड़ों को आइस बैग में भरकर अपने माथे, गर्दन और पीठ पर 10 से 15 मिनट के लिए रख सकता है।
- अगर किसी के पास आइस बैग नहीं है, तो बर्फ के टुकड़ों को किसी कपड़े में बांधकर, उसे दर्द वाली जगह पर थोड़ी-थोड़ी देर के लिए रख सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
अगर मन में सवाल आए कि सिर दर्द होने पर क्या करना चाहिए, तो इसका सबसे आसान जवाब है ठंडी सेंक। यह लंबे वक्त से सिर दर्द के उपाय के लिए एक सेल्फ केयर की तरह उपयोग किया जाता रहा है (8)। सिरदर्द के घरेलू उपाय यह तरीका खासतौर पर माइग्रेन के लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बर्फ युक्त नेक रैप (Frozen Neck Wrap) के उपयोग से माइग्रेन सिरदर्द में काफी हद तक सुधार हो सकता है (9)। हालांकि, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन थोड़ी देर की राहत के लिए इससे हेडेक का इलाज किया जा सकता है (10)।
2. अदरक
सामग्री
- अदरक के चार छोटे-छोटे टुकड़े
- दो कप पानी
उपयोग करने का तरीका
- एक बर्तन में पानी उबालें।
- अदरक के टुकड़ों को उबलते पानी में डाल दें।
- अब इस उबलते पानी को थोड़ी देर के लिए ढक दें।
- थोड़ी देर बाद मिश्रण को छान लें और पिएं।
- एक दिन में एक या दो कप इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।
- चाहें तो अदरक के पाउडर का उपयोग भी कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
सिरदर्द के लिए घरेलू उपचार की बात करें तो अदरक एक कारगर उपाय हो सकता है। अदरक एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह माइग्रेन में असरदार हो सकता है। दरअसल, एक अध्ययन से पता चला है कि तीन से चार दिनों तक 500-600 मिलीग्राम अदरक पाउडर का हर चार घंटे के अंतराल में सेवन माइग्रेन की समस्या से काफी हद तक राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (11)। इसके साथ ही अदरक की तुलना सुमातृप्तान (Sumatriptan – माइग्रेन सिरदर्द की दवा) से भी की गई है (12) (13)। ऐसे में आधा सिर दर्द का घरेलू उपाय करने के लिए अदरक का उपयोग किया जा सकता है।
3. तुलसी
सामग्री
- एक या दो बूंद तुलसी का तेल
- एक या दो चम्मच अन्य तेल, जो आपको सूट करे (कैरियर ऑयल)
उपयोग करने का तरीका
- तुलसी के तेल को अन्य तेल के साथ मिलाएं।
- अब इस तेल के मिश्रण से माथे और गर्दन पर हल्की-हल्की मालिश करें।
- फिर इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें।
- इससे काफी हद तक आराम मिल सकता है।
- अधिक दर्द होने पर हर कुछ घंटों में इसे लगा सकते हैं।
- इसके अलावा, तुलसी के चाय का सेवन भी लाभकारी हो सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
सिरदर्द के घरेलू उपाय में तुलसी भी लाभकारी मानी जा सकती है। तुलसी का एसेंशियल ऑयल सिरदर्द से कुछ देर का आराम दिलाने में मदद कर सकता है (14) (15)। दरअसल, तुलसी तनाव के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है और सिरदर्द तनाव के लक्षणों में से एक है (16)। ऐसे में कहा जा सकता है कि हल्के-फुल्के सिर दर्द के उपाय के लिए तुलसी का तेल या चाय का उपयोग किया जा सकता है।
4. पुदीने का तेल
सामग्री
- एक या दो बूंद पुदीने का तेल
- एक चम्मच जैतून या नारियल तेल
उपयोग करने का तरीका
- दोनों तेल को मिला लें और इससे माथे पर हल्के हाथों से मालिश करें।
- दर्द के दौरान थोड़े-थोड़े अंतराल में इस मिश्रण से मालिश कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
सिर दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए पुदीने का तेल लाभकारी हो सकता है। यह तेल न सिर्फ ठंडक महसूस कराएगा बल्कि सिरदर्द से राहत दिलाने में भी सहायक हो सकता है। यह खासतौर पर तनाव सिरदर्द के लिए उपयोगी हो सकता है। यह 6 साल से बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए भी उपयोग किया जा सकता है (17)। इसके अलावा, पुदीने में मेन्थॉल भी होता है, जो माइग्रेन सिरदर्द से राहत दिला सकता है (18)। इस आधार पर सिरदर्द के घरेलू उपाय में पुदीना का तेल लाभदायक माना जा सकता है।
5. विटामिन
कई बार सिरदर्द, खासतौर पर माइग्रेन सिरदर्द विटामिन के सेवन से भी ठीक हो सकता है। यहां राइबोफ्लेविन (Riboflavin, बी विटामिन) नामक विटामिन का सेवन कारगर साबित हो सकता है। राइबोफ्लेविन प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों, जैसे – दूध, अंडा, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। यह माइग्रेन यानी आधा सिर दर्द का इलाज करने में मदद कर सकता है (19) (20)। हालांकि, यह सिरदर्द से पूरी तरह आराम दे सकता है या नहीं, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. रोजमेरी का तेल
सामग्री
- दो-तीन बूंद रोजमेरी का तेल
उपयोग करने का तरीका
- सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए तेल को अपनी उंगलियों पर लें।
- फिर तेल को सूंघे।
- ऐसा बीच-बीच में किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
रोजमेरी तेल मांसपेशियों को आराम देने और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (21)। यह हल्का होता है और दर्द पर कुछ ही देर में असर कर सकता है। इतना ही नहीं, इस तेल से अनिद्रा की परेशानी भी काफी हद तक कम हो सकती है (22)। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. लौंग
सामग्री
- आवश्यकतानुसार लौंग
- लौंग का तेल
- बादाम या नारियल तेल
उपयोग करने का तरीका
- सिर दर्द का घरेलू इलाज करना है, तो लौंग को रूमाल में बांधकर सिरदर्द के दौरान सूंघ सकते हैं।
- इसके अलावा, एक या दो चम्मच लौंग के तेल को बादाम या नारियल तेल में मिलाकर माथे पर लगा सकते हैं।
- अधिक दर्द होने पर कुछ घंटो के अंतराल में इस मिश्रण से लगातार माथे की मालिश करें।
कैसे फायदेमंद है?
लौंग का तेल सिर दर्द के उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे थोड़ी देर के लिए ही सही, लेकिन सिरदर्द से राहत मिल सकती है। वहीं, सिरदर्द से राहत पाने के लिए लौंग को दरदरा पीसकर उसे चुटकी भर नमक और दूध के साथ भी सेवन किया जा सकता है। वहीं, जिन्हें इसका सेवन नहीं पसंद, वो लौंग के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं (23)।
8. लैवेंडर ऑयल
सामग्री
- एक या दो चम्मच लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
उपयोग करने का तरीका
- इस तेल को कपड़े या रूमाल में लगाकर सूंघ सकते हैं।
- इस तेल से माथे, गर्दन व पीठ पर मालिश कर सकते हैं।
- इस तेल को सोने से पहले लगा सकते हैं, ताकि अच्छी नींद आ सके।
कैसे फायदेमंद है?
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के फायदे अनेक हैं, उन्हीं में से एक लाभ सिरदर्द से राहत भी है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिन माइग्रेन के मरीजों ने लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को सूंघा, उनके माइग्रेन सिरदर्द में सुधार देखा गया। ऐसे में कहा जा सकता है कि लैंवेडर ऑयल माइग्रेन में कुछ हद तक आराम दिलाने में मददगार हो सकता है
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9. कॉफी
सिर दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन किया जा सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद कैफीन में एनाल्जेसिक (Analgesic – दर्द निवारक) गुण होता है, जो सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। हालांकि, दिनभर में 400 मिलीग्राम तक कैफीन का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसकी मात्रा को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है । इसके अलावा, जिनको माइग्रेन की या पुराने सिरदर्द की समस्या है, वो कॉफी का सेवन कम मात्रा में या डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें (
10. ग्रीन-टी
सामग्री
- एक ग्रीन-टी बैग
- एक कप गर्म पानी
उपयोग करने का तरीका
- ग्रीन-टी के बैग को एक कप गर्म पानी में एक-दो मिनट के लिए डालें।
- इसमें स्वाद के लिए थोड़ा नींबू का रस और शहद भी मिला सकते हैं।
- रोजाना एक से दो कप ग्रीन-टी का सेवन किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
कई हैं और उन्हीं में से एक फायदा सिरदर्द से आराम भी है। जैसा कि हमने ऊपर भी जानकारी दी है कि सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन सिरदर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (। ऐसे में ग्रीन टी का सीमित मात्रा में सेवन सिरदर्द की समस्या से अस्थायी रूप से आराम दिला सकता है ( हालांकि, इसका अधिक सेवन समस्या को बढ़ा भी सकता है, इसलिए ध्यान से ग्रीन टी का सेवन करें। सिर दर्द की मेडिसिन लेने से बेहतर है कि पहले ग्रीन टी जैसे आसान उपाय को ट्राई किया जाए।
11. कैमोमाइल
सामग्री
- दो से तीन बूंद कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल।
- दो से तीन चम्मच पानी।
उपयोग करने का तरीका
- हेडेक का इलाज करने के लिए पानी में कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल को मिला लें।
- फिर इसे सूंघे।
- चाहें तो डिफ्यूजर में भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
- इसके अलावा, सिरदर्द के दौरान कैमोमाइल जेल का उपयोग भी किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल या कैमोमाइल चाय भी प्रभावकारी हो सकती है। दरअसल, कैमोमाइल को सिरदर्द के लिए एक औषधि के रूप में सालों से उपयोग किया जाता रहा है । इसके अलावा, इससे संबंधित एक शोध में देखा गया है कि कैमोमाइल जेल का उपयोग माइग्रेन मरीजों में 30 मिनट के अंदर असरदार साबित हो सकता है। यह माइग्रेन के लक्षण जैसे – उल्टी, मतली या सिरदर्द में काफी प्रभावकारी पाया गया है । इन सबके अलावा, कैमोमाइल एंटीडिप्रेसेंट की तरह भी काम कर सकता है (। इस आधार पर कहा जा सकता है कि आधा सिर दर्द का इलाज करने के लिए कैमोमाइल का उपयोग किया जा सकता है।
12. कैप्साइसिन (Capsaicin)
कैप्साइसिन, मिर्च में मौजूद एक महत्वपूर्ण यौगिक है, जो सिरदर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। शोध के अनुसार, कैप्साइसिन युक्त दवा का नेजल उपचार माइग्रेन और क्लस्टर सिरदर्द में लाभकारी हो सकता है (। सिर दर्द की मेडिसिन के रूप में कैप्साइसिन युक्त जेल या बाम का उपयोग भी किया जा सकता है। हालांकि, बेहतर है कि इस बारे में डॉक्टरी सलाह भी ली जाए, क्योंकि खुद से ऐसा उपचार जोखिम भरा हो सकता है।
13. चंदन
सामग्री
- चंदन पाउडर (आवश्यकतानुसार)
- पानी (आवश्यकतानुसार)
- चंदन का तेल (आवश्यकतानुसार)
उपयोग करने का तरीका
- आवश्यकतानुसार चंदन पाउडर में पानी मिलाकर पेस्ट बना लें।
- फिर इस पेस्ट को अपने माथे पर थोड़ी देर के लिए लगा रहने दें और सूखने पर धो लें।
- अगर पेस्ट नहीं लगाना चाहते, तो चंदन के तेल (बाजार में या ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं) को माथे पर लगाया जा सकता है।
- चंदन के तेल को सूंघ भी सकते हैं।
- इसके अलावा, गर्म पानी में चंदन के तेल की कुछ बूंदें डालकर भाप भी ले सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
देसी तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सिर दर्द के टोटके में चंदन भी असरदार हो सकता है। चंदन की खुशबू काफी मनमोहक होती है और इसकी तासीर ठंडी होती है। ऐसे में सिरदर्द के दौरान इसे अगर लगाया जा सके या इसकी खुशबू ली जाए, तो सिरदर्द कम हो सकता है। हालांकि, इसका कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है, लेकिन इसे कई सालों से औषधि की तरह उपयोग किया जाता रहा है। सिर दर्द के उपाय के रूप में यह एक आसान तरीका हो सकता है।
14. पान के पत्ते
सामग्री
- 4 से 5 पान के पत्ते
- कपूर के तेल की कुछ बूंदें
- पानी (आवश्यकतानुसार)
उपयोग करने का तरीका
- पान के पत्तों को पानी के साथ पीसकर उसमें कपूर का तेल मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को अपने माथे पर लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए रहने दें।
कैसे फायदेमंद है?
यह सर दर्द का देसी टोटका काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, पान के पत्तों में एनाल्जेसिक यानी दर्दनिवारक गुण मौजूद होता है ( जो सिर दर्द ठीक करने के उपाय के रूप में कारगर हो सकता है। हालांकि, इससे जुड़ा कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
अंत तक पढ़ें
ऊपर बताए गए सर दर्द के घरेलू उपाय कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। ऐसे में अगर सिरदर्द बार-बार हो, तो तेज सिर दर्द का घरेलू इलाज के लिए अन्य उपचार की मदद ले सकते हैं।
सिर दर्द के लिए इलाज – Other Treatments For Headache in Hindi
सिर दर्द दूर करने के उपाय में अन्य उपचार कराना भी आवश्यक है। नीचे जानिए सिर दर्द के लिए इलाज क्या-क्या हो सकते हैं।
डॉक्टर सबसे पहले सिरदर्द का निदान कर, सिरदर्द के प्रकार के अनुसार उसका उपचार कर सकते हैं। ये उपचार नीचे बताए जा रहे हैं (–
माइग्रेन सिरदर्द – माइग्रेन सिर दर्द दूर करने के उपाय की बात करें, तो डॉक्टर उसके लक्षणों को कम करने की कोशिश कर सकते हैं। डॉक्टर कुछ खास प्रकार की दवाइयां, जैसे सुमातृप्तान (sumatriptan) लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, तनाव कम करने के लिए थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। डाइट में बदलाव कर सकते हैं और माइग्रेन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं
तनाव सिरदर्द – तनाव सिरदर्द को कम करने के लिए डॉक्टर एंटीइन्फ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक (दर्द निवारक), नॉनस्टेरॉइडल और एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों की सेवन की सलाह दे सकते हैं। यह तनाव सिर दर्द दूर करने के उपाय में से एक है।
क्लस्टर सिरदर्द – क्लस्टर सिरदर्द के लिए अन्य उपचार में शामिल हैं ट्रिप्टान ड्रग्स, नॉन-इनवेसिव वेगस नर्व स्टिमुलेशन (एक प्रकार की इलेक्ट्रिक थेरेपी) और ऑक्सीजन थेरेपी (जिसमें शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है) दी जा सकती है ( इसके अलावा, कुछ दवाइयां भी दी जा सकती है।
एक्यूप्रेशर – सिरदर्द से राहत पाने के लिए एक्यूप्रेशर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दरअसल, शरीर में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण प्वाइंट्स होते हैं, जो अलग-अलग समस्याओं में मददगार हो सकते हैं। सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए भी शरीर में कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट्स हैं, जिन पर प्रेशर देने से दर्द से राहत मिल सकती है। इस थेरेपी को एक्यूप्रेशर कहते हैं। इस थेरेपी का एक और फायदा यह है कि इसमें किसी तरह की दवा का साइड इफेक्ट होने का खतरा भी कम हो सकता है (
सावधानी : सिर दर्द दूर करने के उपाय के लिए एक्यूप्रेशर की विधि किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। अगर किसी को प्रेगनेंसी में सिरदर्द हो और गर्भवती महिला एक्यूप्रेशर कराना चाहती है, तो इस बारे में पहले डॉक्टरी सलाह लें।
अन्य सामान्य उपाय भी कुछ इस प्रकार हैं (2) –
- दर्द निवारक दवाइयां
- मसाज थेरेपी
- खान-पान में बदलाव
- स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए कुछ उपाय
- कुछ खास तरह की दवाइयां जैसे – गर्भनिरोधक दवा, जिसके साइड इफेक्ट के कारण सिरदर्द हो सकता है। उनके सेवन पर रोक लगाना।
- अगर कुछ अन्य समस्याओं के कारण (जैसे – जबड़े या दांत में दर्द और उच्च रक्तचाप) अगर सिरदर्द हो, तो उनका इलाज करना।
आगे पढ़ें
अब जानते हैं डाइट में बदलाव कर सिर दर्द कैसे ठीक करें।
सिर दर्द के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं – Diet for Headache in Hindi
सिरदर्द का कारण कहीं न कहीं सही आहार न लेना भी हो सकता है। ऐसे में लेख के इस भाग में हम सिरदर्द का इलाज खान-पान से कैसे करना है, इस बारे में जानकारी दे रहे हैं। जानिए सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए क्या-क्या खा सकते हैं।
क्या खाएं
राइबोफ्लेविन युक्त खाद्य पदार्थ – सिर दर्द ठीक करने के उपाय के तौर पर हरी सब्जियां, नट्स, दूध व अंडे का सेवन किया जा सकता है। ये राइबोफ्लेविन (Riboflavin) युक्त खाद्य पदार्थ हैं। दरअसल, राइबोफ्लेविन (बी विटामिन) का सेवन माइग्रेन में राहत देने का काम कर सकता है (
मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ – मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, क्योंकि मैग्नीशियम की कमी सिरदर्द का कारण हो सकती है (। ऐसे में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – केला, एवोकाडो, खुबानी, काजू और बादाम खाना लाभकारी हो सकता है (
विटामिन डी और कैल्शियम – सिर दर्द का इलाज विटामिन-डी युक्त आहार का सेवन करके भी किया जा सकता है (। खासतौर पर विटामिन-डी और कैल्शियम युक्त आहार का साथ में सेवन माइग्रेन और पीरियड्स के पहले होने वाले सिरदर्द से काफी हद तक आराम मिल सकता है (। विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत है, सूरज की किरणें। इसके अलावा, विटामिन-डी के लिए अंडे की जर्दी, या मशरूम का सेवन भी किया जा सकता है । वहीं कैल्शियम के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – केल, ब्रोकली, बादाम, दूध आदि का सेवन किया जा सकता है (
पानी – पानी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन कई लोग इस बात को भूल जाते हैं और पानी कम पीते हैं। शरीर में पानी की कमी होने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं और सिरदर्द उन्हीं में से एक है । इसलिए, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और जब भी बाहर जाएं, तो साथ एक पानी की बोतल जरूर रखें, ताकि प्यास लगते ही पानी पी सकें। सिर दर्द ठीक करने के उपाय की बात की जाए, तो पानी पीना प्रभावकारी हो सकता है।
क्या न खाएं
- वाइन या अन्य शराब का सेवन न करें। इसमें हिस्टामाइन नामक रासायनिक तत्व होता है, जो सिरदर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा, चीज़ के सेवन से भी बचें क्योंकि कुछ खास चीज़ में भी हिस्टामाइन हो सकता है (
- ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन न करें जिसमें एमएसजी (MSG- monosodium glutamate) जैसे स्वाद बढ़ाने वाले तत्व हों। इससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है (।
- आर्टिफिशियल स्वीटनर्स, उनमें एस्पार्टेम (aspartame – कृत्रिम मिठास) होता है, जो सिरदर्द पैदा करने के जोखिम को बढ़ा सकता है (
- चॉकलेट न खाएं, इससे माइग्रेन के सिरदर्द का खतरा हो सकता है (
- कैफीन युक्त पदार्थ के सेवन से परहेज करें, लेकिन ध्यान रहे कि अगर कोई कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन का आदी है, तो अचानक उसका सेवन बंद करने से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे में बेहतर है कैफीन के सेवन को कम किया जाए (
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अब सवाल यह उठता है कि इस लेख में बताए गए सिर दर्द के लिए घरेलू उपचार पुराना सिर दर्द का इलाज करने में सहायक हैं या नहीं।
क्या इन घरेलू नुस्खों से पुराने सिर दर्द का इलाज हो सकता है?
इस लेख में बताए गए सिर दर्द के घरेलू उपाय हल्के-फुल्के सिरदर्द के इलाज के रूप में या तेज सिरदर्द से थोड़ी देर के लिए आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं। अगर बात करें पुराने सिर दर्द का इलाज करने की, तो क्रॉनिक सिरदर्द के लिए डॉक्टरी इलाज का ही सहारा लें। पुराना सिर दर्द किसी अन्य बीमारी का लक्षण भी हो सकता है, ऐसे में लापरवाही बिलकुल न बरतें।
सिरदर्द के लिए घरेलू उपचार और संतुलित खानपान के साथ-साथ शारीरिक क्रिया, योग व व्यायाम भी जरूरी है। लेख के इस भाग में हम सिरदर्द के लिए योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
सिर दर्द के लिए योगासन – Yoga for Headache in Hindi
योगासन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और सिरदर्द के लिए घरेलू उपचार के तौर पर भी योग मददगार हो सकता है (50)। नीचे हम सिरदर्द के लिए योग के बारे में बता रहे हैं।
1. पद्मासन या कमल आसन
तरीका
- सबसे पहले जमीन पर योग मैट बिछाकर उस पर पालथी मारकर बैठ जाएं।
- कमर को सीधा रखें और आंखें बंद कर लें व सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
2. अर्द्ध पिंचा मयूरासन
तरीका
- इस आसन को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं और फिर धीरे-धीरे घुटने टेकने की मुद्रा में आगे की ओर झुकें। अब अपनी कोहनी, हथेली व उंगलियों को जमीन पर रखें।
- इस मुद्रा में आने के बाद धीरे-धीरे अपनी पीठ, पैर और हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं।
- ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
- इसी मुद्रा में रहते हुए कुछ सेकंड गहरी सांस लें और छोड़ें।
- फिर वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- इस आसान को करने से आपके सिर और गर्दन को काफी आराम मिलेगा और दर्द भी दूर हो सकता है।
3. मार्जरी आसन
तरीका
- इसे करने के लिए सबसे पहले आप दोनों घुटनों और हाथों के बल बिल्ली की मुद्रा में आ जाएं।
- अब सांस लेते हुए सिर को ऊपर की तरफ ले जाएं और कमर को नीचे की तरफ दबाएं।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे ले जाएं व ठोड़ी को छाती से लगाने की कोशिश करें और साथ ही कमर को ऊपर की तरफ उठाएं।
- इससे गर्दन, पीठ व कंधे को आराम मिलेगा और लचक आने के साथ-साथ दर्द भी कम हो सकता है।
4. शवासन
तरीका
- इसमें आप जमीन पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं और आंखें बंद कर लें।
- अपने दोनों हाथों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें।
- फिर दोनों हथेलियां को आसमान की ओर करें।
- अपने दोनों पैरों के बीच दो फीट की दूरी रखें।
- इस दौरान आपका मुंह भी आसमान की ओर ही रहेगा।
- अब सामान्य रूप से सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया जारी रखें।
- थोड़ी देर इसी मुद्रा में बन रहें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
नोट : इन योगासनों को करते वक्त सावधानी जरूर बरतें और कोशिश करें कि किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। इसके अलावा, अगर आपको कंधे, गर्दन या पीठ में कोई चोट या दर्द है, तो ये योगासन योग विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।
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आगे जानिए सिर दर्द की किन परिस्थितियों में डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
सिर दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
कुछ सिरदर्द गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में नीचे बताए गईं बातों पर ध्यान दें और इनमें से कोई भी लक्षण दिखें, तो बिना देर करते हुए डॉक्टरी सलाह लें ()।
- अगर सिरदर्द पहली बार हो और यह दिनचर्या को बाधित करे।
- अगर अचानक बहुत तेज सिरदर्द हो।
- सिर के पिछले हिस्से में दर्द होना।
- अगर नियमित सिरदर्द हो और किसी एक बार बहुत ज्यादा सिरदर्द हो।
- अगर सिरदर्द के साथ बोलने, देखने, समझने या हाथ-पांव हिलाने में दिक्कत हो। याददाश्त कमजोर होने लगे या उलझन महसूस हो, तो डॉक्टरी सलाह लें।
- 24 घंटे में और तेज सिर दर्द होना।
- सिरदर्द के साथ बुखार, मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न हो।
- अगर सिर में चोट लगने के बाद सिरदर्द होना शुरू हो।
- अगर सिरदर्द बहुत तेज हो और एक आंख में दर्द और आंख लाल हो।
- अगर कोई 50 साल से ऊपर का व्यक्ति हो और उसे बार-बार सिरदर्द हो।
- अगर सिरदर्द के साथ-साथ देखने में परेशानियां होने लगे, कुछ चबाने में असुविधा हो या वजन कम होने लगे।
- अगर किसी को पहले कभी कैंसर, एचआईवी या रोग प्रतिरोधक क्षमता से संबंधित समस्या रही हो और अचानक नया-नया सिरदर्द होने लगे।
अंत तक पढ़ें
आगे जानते हैं सिरदर्द से बचाव के कुछ आसान उपाय।
सिर दर्द से बचाव – Prevention Tips for Headache in Hindi
सिर दर्द का घरेलू उपाय के बाद, नीचे जानिए सिरदर्द से बचाव के कुछ आसान तरीके
- ठंडे या गर्म पानी से नहाएं।
- गर्दन या सिर की हल्की-हल्की मालिश करें।
- धूम्रपान या शराब का सेवन न करें।
- सिर पर ठंडा कपड़ा रखें।
- अंधेरे और शांत कमरे में आराम करें।
- नींद पूरी करें।
- सोने की मुद्रा में बदलाव करें।
- तकिया बदलें।
- अगर आंखों की समस्या है और कोई चश्मा लगाता है, तो नियमित तौर पर चश्मा लगाएं।
- व्यायाम करें।
- ध्यान लगाएं।
- टीवी, फोन, लैपटॉप या कम्प्यूटर के सामने देर तक न बैठें।
इस लेख को पढ़ने के बाद कई लोगों को यह जरूर पता चल गया होगा कि अगर सिर में दर्द हो तो क्या करें। अब सिरदर्द की दवा लेने से पहले ऊपर दिए गए सिर दर्द के लिए घरेलू उपचार को अपनाकर फर्क महसूस करें। अगर चाहते हैं कि सिरदर्द बार-बार न हो, तो सिरदर्द से बचाव के उपाय और योगासन को अपनाया जा सकता है। अगर फिर भी बार-बार सिरदर्द की समस्या हो रही है, तो बिना देर करते हुए सिर दर्द का इलाज करवाएं। वहीं, सिरदर्द अगर पुराना है, तो पुराना सिर दर्द का इलाज कराने के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित रहा होगा। स्वस्थ खाएं और स्वस्थ रहें।
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