हेलो दोस्तो आपका स्वागत है में, दोस्तो जब हम स्कूल में पढ़ते थे। वो दिन आज हमको बहुत याद आते है। उन दिनों को याद करते ही हमारे दिल में एक अजीब सा एहसास खुशी आ जाती है। अपने स्कूल के दिनों में किसी लड़के ने किसी लड़की को अपना दिल न दिया हो ऐसा हो ही नही सकता । इसलिए पुराने दिनों की याद ताजा करने के लिए मैं की पोस्ट में आपके सामने पेश कर रहे हैं। स्कूल टाइम लव स्टोरी ताकि आप इन स्टोरी को पढ़कर अपने स्कूल लव को याद कर सकें।
यह कहानी शुरू होती है, जब तरुण महज 9 साल का था। तरुण पढ़ने में ठीक था। परंतु वह संगीत में अधिक रुचि रखता था। संगीत के बिना उसका दिन निकलना मुश्किल था। उसे गाना सुनना, गाना गाना और बजाना बड़ा पसंद था। उसकी पसंद गहरी और अतुलनीय थी। तरुण स्कूल के दिनों में घर पर बहुत रियाज करता था।
एक दिन स्कूल में वार्षिक उत्सव मनाया गया। इसमें तरुण ने अपने गाने की प्रस्तुति से सबका मन जीत लिया। सभी खड़े होकर काफी देर तक तरुण के लिए तालियां बजाते रहे। तरुण के कुछ देर बाद ज्योति की परफॉर्मेंस का नंबर आया। ज्योति ने भी काफी सुंदर गाना गाया। कार्यक्रम के अंत में तरुण और ज्योति को बराबर पुरस्कार दिया गया। तरुण के परिवार में कोई और गाना नहीं गाता था। परंतु ज्योति के पापा बड़े गायक कलाकार थे। वे भी उस कार्यक्रम में तरुण को गाना गाते देख रहे थे।
कुछ दिनों बाद ज्योति के पापा रवि शास्त्री ने ज्योति से कहा, “बेटा तुम्हारी स्कूल में जो लड़का था, क्या नाम था उसका ? ज्योति ने तुरंत कहा, “तरुण” पिता ने कहा, “हां तरुण” मैं उससे मिलना चाहता हूं। तुम उससे अपने घर लेकर आओ किसी दिन। ज्योति ने कहा, “ठीक है मैं उसे बोलती हूं।
एक दिन ज्योति ने तरुण से कहा, “तरुण, तुम्हारा गाना मेरे पापा को बड़ा अच्छा लगा और वे तुमसे मिलना चाहते हैं। तरुण को ज्योति के पापा के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं था। तरुण ने कहा, परंतु, मैं कैसे मिल सकता हूं? पढ़ाई के बाद के समय में मैं गाने का रियाज करता हूं। ज्योति ने कहा, इसीलिए तो कह रही हूं। कि तुम पापा से मिल लो।
तुम्हें फायदा हो सकता है। तरुण ने आश्चर्य से पूछा, वो कैसे ? ज्योति ने कहा, अरे, मेरे पापा अच्छे गायक कलाकार हैं। बड़े सिंगर हैं। तुम्हारी आवाज उन्हें पसंद है, इसलिए वह तुमसे मिलना चाहते हैं। तरुण ने कहा, अरे, वाह ! यह तो मुझे पता ही नहीं था। पर क्या तुम्हारे पापा मेरी संगीत शिक्षा को बढ़ा सकते हैं? मुझे और बहुत कुछ सीखना है। क्या तुम्हारे पापा मेरी मदद करेंगे !
School life love story
ज्योति ने कहा, क्यों नहीं तुम एक बार मिल कर बात कर लो। तरुण ने कहा, फिर तो मै आज स्कूल के तुरंत बाद ही यह काम करूंगा। शाम को तुम्हारे घर आता हूं। ज्योति और तरुण स्कूल खत्म कर ज्योति के घर पहुंचे। ज्योति ने सभी से तरुण का परिचय करवाया। ज्योति ने तरुण को अपने पापा से मिलाया तभी तरुण ने ज्योति के पापा के चरण स्पर्श किए और प्रणाम किया।
ज्योति के पापा ने कहा, तुम्हारी आवाज अच्छी है। तुम चाहो तो इसे और बेहतर बना सकते हो। तरुण ने कहा, “हां” मैं इसे और बेहतर बनाना चाहता हूं। ज्योति के पापा ने कहा कि तुम रोज शाम को ज्योति के साथ यहां पर आया करो। मैं, तुम्हें संगीत की शिक्षा दूंगा। ज्योति को यह सुनकर बहुत अच्छा लगा। क्योंकि कहीं ना कहीं ज्योति भी तरुण की आवाज के साथ तरुण के स्वभाव को पसंद करती थी। अब दोनों स्कूल खत्म करके साथ-साथ ज्योति के घर जाते और घर जाकर संगीत की शिक्षा लेते। दोनों की आपसी गहरी दोस्ती हो चुकी थी।
पूरे दिन भर ज्योति, तरुण के साथ ही बिताती है। क्योंकि, उसे तरुण के साथ वक्त बिताना बहुत ही अच्छा लग रहा था। कुछ महीनों में तरुण संगीत में और भी ज्यादा माहिर होता चला गया। ज्योति भी अपने संगीत को निखार रही थी और प्यार के सपने सजा रही थी।
एक दिन जिला स्तर पर संगीत का कंपटीशन था। तब ज्योति के पापा ने तरुण और ज्योति दोनों का उस कंपटीशन के लिए आवेदन करवा दिया। तरुण ने उस कंपटीशन में धमाकेदार प्रस्तुति दी और पूरे जिले में तरुण का नाम गूंजने लगा। अब पूरे जिले में तरुण और ज्योति को लोग जानने लगे। लोग कहने लगे यह भविष्य में बड़े सिंगर बनेंगे। दोनों की जोड़ी को सभी लोग पसंद करते थे। धीरे-धीरे ज्योति और तरुण का प्यार गहरा होता चला जा रहा था।
ज्योति के पापा को भी इन दोनों की जोड़ी बहुत पसंद आने लगी। इन दोनों की परफॉर्मेंस ने तो लोगों को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रखा था। ज्योति के पापा इस नए संबंध से बड़े खुश थे। वह बड़े होकर दोनों एक “लवर सिंगर कपल” के नाम से फेमस होते चले गए। जब उनकी उम्र शादी जितनी हुई। सभी लोगों ने शादी के लिए कमेंट करना शुरू कर दिया। अब ज्योति और तरुण ने अपने प्यार का इजहार करते हुए शादी कर ली। एक स्कूल से शुरू होकर प्यार की कहानी “लवर सिंगर कपल” तक पहुंच गई।
मेरा एक दोस्त था, जिसका नाम अमित था। अमित पढ़ाई में बहुत होशियार था। वो एक गरीब घर से था, देखने में भी सुंदर था, हर समय पढ़ते रहना उसे अच्छा लगता था। और स्कूल के शिक्षक भी अमित को पढ़ता हुआ देख बहुत खुश होते थे। वो हमारे स्कूल का टॉपर बच्चा था। अमित अपने माता-पिता की एक ही सन्तान थी और वो अमित को बहुत प्यार करते थे। अमित हमारे स्कूल का सबसे सुंदर लड़का था। कक्षा की सब लड़कियां उसकी दीवानी थी।
अमित की नशीली आँखें हर किसी को अपनी और आकर्षित करती थी। अमित बहुत ही अच्छा लड़का था। हर कोई उसकी तारीफ़ करता था। बात उस समय की है जब हम 10वी कथा में पढ़ते थे। गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुले तो हम सब ने स्कूल जाना शुरू किया था और पहले ही दिन अमित की टक्कर स्कूल में आई एक सुंदर सी लड़की के साथ हो जाती है। वो लड़की अमित को बहुत भला-बुरा कहती है लेकिन अमित उसको ही देखता रहा और मुस्कुराता रहा।
जब हम अपनी कक्षा में गए तो आगे वो लड़की हमारी ही कक्षा में थी। दरअसल हमारे शहर में उसके पिताजी की बदली हुई थी और इसलिए अपनी 10वी की पढ़ाई पूरी करने के लिए उसने हमारे ही स्कूल में दाख़िला लिया था। उस सुंदर लड़की का नाम प्रिया था। प्रिया भी पढ़ने में अमित की तरह ही थी। अमित ने जब प्रिया को अपनी ही कक्षा में देखा तो वो खुशी से झुमने लगा। शायद अमित को प्रिया से प्यार हो गया था।
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