कंप्यूटर की जनरेशन, the history of computer technology 2023

 

कंप्यूटर की जनरेशन

कंप्यूटर की जनरेशन में हमने कम्प्यूटर का जन्म कैसे हुआ और कैसे उसका विकास हुआ उसके बारे में जाना था। इस बार हम कंप्यूटर के आने के बाद में उनमे कोन कोन सी कंप्यूटर की जनरेशन आयी और कोन से समय में कैसे उसमे बदलाव आये उसके बारे में जानेंगे।

कम्प्यूटर का दौर अभी पांचवी जनरेशन में चल रहा हे तो आपने पांचवी जनरेशन के कम्प्यूटर्स देखे होंगे और आपने शायद चौथी जनरेशन के कम्प्यूटर्स भी देखे होंगे। लेकिंग उसके आलावा आज हम पहली ,दूसरी और तीसरी जनरेशनस के कंप्यूटर के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए उसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हे।

1.कंप्यूटर की जनरेशन First Generation(1946-1956):

कंप्यूटर की जनरेशन में पहले कम्प्यूटर के बाद जो दस साल तक जो कंप्यूटर में बदलाव हुए और नए नए कंप्यूटर आते रहे उसे फर्स्ट जनरेशन ऑफ़ कम्प्यूटर्स कहते हे। फर्स्ट जेनरेशन्स ऑफ़ कम्प्यूटर्स में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट(electronic circuit) के रूप में वैक्यूम ट्यूब(vacuum tubes) का उपयोग किया गया था।

वैक्यूम ट्यूब का आविष्कार 1904 में जॉन फ्लेमिंग नाम के वैज्ञानिक ने किया था। वैक्यूम ट्यूब एक कांच से बनी ट्यूब होती थी इसमें से हवा को पूरी तरह से निकाल कर उसमे से इलेक्ट्रोन को प्रवाहीत किया जाता था। उसमे से इसे इलेक्ट्रिक करंट प्रवाहीत होने से वो बहुत ज़्यादा गरम हो जाती थी।

और उसे ठंडा करने के लिए एयर कंडीशन की ज़रूरत रहती थी। और ऊपर से फर्स्ट जनरेशन के कम्प्यूटर्स की साइज 30 by 40 के रूम के बराबर होती थी जो की बहुत बड़ी साइज हे। और इसका वज़न भी 30 टन के जितना होता था आप सोच सकते हे की इसको किसी और जगह पे ले जाना नामुमकिन था।

और इस कंप्यूटर को चलने के लिए जो पावर चाहिए होती थी वो तक़रीबन 1,50,000 वोट की एनर्जी चाहिए होती थी और आप अंदाज़ा लगा सकते हे की वो कंप्यूटर भी कितनी कम स्पीड में काम करता होगा।

vacuum tubes
Vacuum tubes
punch card computer
punch card computer

उसमे इनपुट , आउटपुट और प्रोसेसिंग स्पीड बहुत कम होती थी। और जिससे सभी कार्य बहुत धीरे धीरे होते थे। इनपुट के रूप में इसमें पंचकार्ड का उपयोग किया गया। प्राइमरी मेमोरी के रूप में मैगनेटिक ड्रम का उपयोग किया गया।

magnetic drum

उदाहरण : ENIAC कंप्यूटर , IBM 360 कंप्यूटर , UNIVAC कंप्यूटर, EDSAC computer

इन सब कंप्यूटरस के बारे में मेने पिछले आर्टिकल में बात की हे उसे जानने के लिए ये लिंक पर क्लिक करे।

इन सब कम्प्यूटर्स में जो लैंग्वेज उपयोग की गयी थी वो low level language थी। जिसमे मशीनी लैंग्वेज या binary language (O and 1 number code language) का उपयोग होता था। और धीरे धीरे assembly language का भी उपयोग होने लगा।

First generations of computer
First generations of computer

कंप्यूटर की जनरेशन पहली के कंप्यूटर स्लो होने के कारण उनके दो ही उपयोग होते थे। कंपनी में कर्मचारियों का पैरोल प्रोसेसिंग (payroll processing) में और चीज़ो का रिकॉर्ड रखने के लिए उपयोग किया जाता था।

2.दूसरी जनरेशन/Second generation(1956-1964) :

कंप्यूटर की जनरेशन दूसरी के कम्प्यूटर्स में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट(electronic circuit) के रूप में वैक्यूम ट्यूब(vacuum tubes) की जगह पे ट्रांसिस्टर(Transistor) का उपयोग होने लगा। वैक्यूम ट्यूब(vacuum tubes) बहुत बड़ी होती थी जिससे ट्रांसिस्टर(Transistor) आकार में काफी छोटा होता था। और उसकी वजह से कंप्यूटर की साइज काफी छोटी हो गयी।

Transistor
Transistor

पहले कंप्यूटर की साइज एक रूम जितनी होती थी अब उस कंप्यूटर की साइज दूसरी जनरेशन में एक अलमारी की जीतनी हो गयी।

magnetic core memory
Magnetic core memory
  • सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में मेमोरी के स्वरूप में मेग्नेटिक कोर (magnetic core memory)का उपयोग हुआ।
  • इनपुट के रूप में पंचकार्ड का उपयोग हुआ। पहली जनरेशन के कंप्यूटर में जितना पावर चाहिए होता था उससे कम पावर ये कंप्यूटर उपयोग में लेता था। इसलिए कम इलेक्ट्रिसिटी की ज़रूरत पड़ती थी। ये कंप्यूटर में एयर कंडीशन की भी पहली जनरेशन के मुकाबले कम ज़रूरत पड़ती थी। और सबसे बढ़िया तो ये था के पेहली जनरेशन के मुकाबले इसमें इनपुट , आउटपुट और प्रोसेसिंग के सभी कार्य बहुत ही स्पीड से होते थे।
  • Computer के स्टोरेज स्पेस(Storage space) भी बढ़ गयी और लौ लेवल लैंग्वेज (LLL)की जगह पे हाई लेवल लैंग्वेज(HLL) का उपयोग होने लगा। HIGH LEVEL LANGUAGE में COBOL , FORTRAN जैसी लैंग्वेज इस्तेमाल होने लगी।

जिससे कंप्यूटर का उपयोग और ज़्यादा आसान हो गया। क्यूंकि पहले लौ लेवेल लैंग्वेज का उपयोग होता था और अब हाई लेवल लैंग्वेज का उपयोग होने लगा।

IBM ने भी एक कंप्यूटर बनाया जो IBM 1401 था जो सेकंड जनरेशन का कंप्यूटर था। उसके आलावा था UNIVAC -110 । सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में ट्रान्सिस्टर की वजह से काफी क्रांति आयी। और इस ट्रांसिस्टर की शोध 1947 में अमेरिका की बेल लेबोरेटरी में तीन वैज्ञानिको ने मिलकर की। और सेकंड जनरेशन कंप्यूटर के दोरान डिस्क और कैसेट का भी उपयोग होने लगा था।

 IBM 1401
IBM 1401

इस कंप्यूटर का हम पेरोल के लिए तो इस्तेमाल तो करते ही थे पर अब हम File store ,फाइल अपडेशन(File updation) में और बिलिंग(Billing) में भी इस्तेमाल करने लगे । (topic : कंप्यूटर की जनरेशन)

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