चक्कर आने के कारण, इलाज और घरेलू उपाय

अचानक आंखों के आगे अंधेरा-सा छाना या फिर सिर घूमने जैसा अहसास होना, किसी के साथ भी हो सकता है। इसके अलावा, कभी-कभी थकान व कमजोरी भी महसूस हो सकती है। ये सब चक्कर आने के लक्षण हैं (1)। हालांकि, यह समस्या चिंताजनक नहीं है, लेकिन कभी-कभी गंभीर रूप भी ले सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इसी समस्या के बारे में बता रहे हैं। साथ ही सिर का चक्कर का इलाज और चक्कर आने पर क्या उपचार करें, इस बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। इस लेख में हम जो उपचार बता रहे हैं, वो कई प्रकार के शोधों पर आधारित हैं, जिन्हें जानवराें व इंसानों पर किया गया है। इसके अलावा, दिए गए घरेलू उपचार चक्कर आने की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। वहीं, अगर समस्या गंभीर हो जाए और बार-बार सिर का चक्कर आने लगे, तो एक बार डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाता है। अंत तक जरूर पढ़ें यहां पर सबसे पहले हम बता रहे हैं चक्कर आने के प्रकार के बारे में। विषय सूची चक्कर आने के प्रकार – Types of Dizziness in Hindi चक्कर आने के कारण – Causes of Dizziness in Hindi चक्कर आने के लक्षण – Symptoms of Dizziness in Hindi चक्कर आने पर घरेलू उपाय – Home Remedies for Dizziness in Hindi चक्कर आने के समस्या में क्या खाना चाहिए? चक्कर आने का इलाज – Treatments for dizziness in Hindi चक्कर आने से बचाव – Prevention Tips for Dizziness in Hindi चक्कर आने के प्रकार – Types of Dizziness in Hindi वर्टिगो (Vertigo) – इसमें सिर चकराने लगता है और ऐसा लगता है कि आसपास की चीजें घूम रही हैं। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को उल्टी और चक्कर आना आम है। डिसइक्विलिब्रियम (Disequilibrium) – इसमें शरीर का संतुलन बनाने में समस्या होती है। इससे पीड़ित कुछ लोगों को पैरों में समस्या महसूस हो सकती है, जबकि कुछ लोगों को सिर का चक्कर महसूस हो सकता है। प्रीसिंकोप (Presyncope) – इस स्थिति में व्यक्ति को लगता है कि वह बेहोश हो जाएगा, लेकिन ऐसा होता नहीं है। जब व्यक्ति बैठने या लेटने का प्रयास करता है, तो कुछ राहत महसूस कर सकता है। लाइटहेडनेस (Lightheadedness) – लाइटहेडनेस की स्थिति में सिर के अंदर झंझनाहट महसूस हो सकती है। इस अवस्था में कभी-कभी व्यक्ति को यह महसूस हो सकता है कि उनका सिर उनके शरीर के साथ नहीं जुड़ा हुआ है। स्क्रॉल करें आगे जानते हैं कि चक्कर आने के क्या कारण हैं चक्कर आने के कारण – Causes of Dizziness in Hindi चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य कारणों के बारे हम नीचे बता रहे हैं (2) (3) : अचानक से बैठने या उठने पर: कई लोग अचानक से बैठने या उठने पर लाइटहेडनेस (Lightheaded) यानी चक्कर आने की एक स्थिति महसूस करते हैं। चक्कर आने का एक कारण यह भी हो सकता है। माइग्रेन के कारण: माइग्रेन की स्थिति में सिर में तेज दर्द होता है। इसके कारण भी चक्कर आने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दवाओं के कारण: कान के अंदर किसी तरह की समस्या होने पर या फिर किसी दवा के रिएक्शन के कारण भी चक्कर आ सकते हैं। ब्लड प्रेशर कम होना: अचानक से ब्लड प्रेशर लो होना भी चक्कर आने की स्थिति को पैदा कर सकता है। डिहाइड्रेशन: डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में पानी की कमी होने पर पर भी चक्कर आ सकते हैं। मोशन सिकनेस के कारण: मोशन सिकनेस के कारण भी चक्कर भी आ सकते हैं। मोशन सिकनेस एक ऐसी दशा है, जो कुछ लोगों में बस या कार से यात्रा करने के दौरान होती है। बढ़ती उम्र के कारण: बढ़ती उम्र के साथ लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसके कारण उन्हें ज्यादा दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है। इस कारण भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। अन्य किसी कारण से: कभी-कभी उपरोक्त स्थितियों के अलावा कुछ अन्य कारणों से भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में देर किए बिना डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आगे जानें चक्कर के कारण के बाद यहां हम बता रहे हैं कि चक्कर आने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं। चक्कर आने के लक्षण – Symptoms of Dizziness in Hindi आमतौर पर चक्कर आने के कारण व्यक्ति को आसपास की चीजें घूमती हुईं और धुंधली नजर आ सकती हैं। साथ ही शरीर का संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। नीचे क्रमवार रूप से चक्कर आने के लक्षणों के बारे में एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार बताया गया है (1)। डिप्लोपिया (diplopia): एक ही वस्तु के कई प्रतिरूप दिखाई देना। वर्टिगो (vertigo): सिर का घूमना। डिसरथ्रिया (dysarthria): बोलने में कठिनाई होना या फिर अस्पष्ट संवाद का होना। लिम्ब वीकनेस ( limb weakness): अंगों में कमजोरी महसूस करना। डिसथेसिया (dysesthesia): शरीर में सनसनी जैसा महसूस होना। अटैक्सिया (ataxia): किसी भी गतिविध में शरीर का असंतुलित हो जाना। आंखों की असामान्य गतिविधियां, जैसे आंखों का फड़कना, चलते समय स्पष्ट रूप से देखने में मुश्किल का सामना करना आदि। इसके अलावा चलने में असुविधा, किसी भी चीज को पास आते या फिर दूर जाते हुए महसूस करना, बेहोश होने जैसा महसूस होना व सिरदर्द इसके अन्य लक्षणों में शामिल है। साथ ही मतली और उल्टी आने जैसा महसूस होना, कान के अंदर बिना किसी शोर के आवाज का सुनाई देना जैसे टिन्निटस (Tinnitus) कहते हैं, सुनने में कठिनाई महसूस होना और अचानक से झटका जैसा महसूस होना भी शामिल है (4)। और भी है खास यहां हम बता रहे हैं कि चक्कर आने पर किन घरेलू उपायों का सहारा लिया जा सकता है। चक्कर आने पर घरेलू उपाय – Home Remedies for Dizziness in Hindi 1. अदरक चक्कर से राहत दिलाने के लिए अदरक का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अदरक में विशेष औषधीय गुण पाए जाते हैं। यात्रा करने के दौरान अगर इसका सेवन किया जाए, तो यह मोशन सिकनेस (चक्कर आने के कारण में से एक) की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है। इस वैज्ञानिक शोध में इस बात की पुष्टि भी की गई है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो चक्कर आने की समस्या में लाभदायक साबित हो सकते हैं (5)। इसलिए, मोशन सिकनेस के लिए और चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है। कैसे करें इस्तेमाल : अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब यात्रा के दौरान मोशन सिकनेस महसूस होने पर इन टुकड़ों को चबाएं। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर अदरक के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। 2. शहद चक्कर आने पर शहद प्रभावी तरीके से काम आ सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, शहद में पोषक तत्वों के रूप में अधिक ऊर्जा की मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन के तुरंत बाद शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिलती है। इससे वर्टिगो (चक्कर आने का एक प्रकार) की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है (6)। इससे चक्कर आने का उपचार हो सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, शहद का सेवन चक्कर की दवा के रूप में किया जा सकता है (7)। कैसे करें इस्तेमाल : एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद और करीब एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। फिर इस पानी का सेवन करें। इसके अलावा, एक चम्मच शहद व एक चम्मच नींबू के रस को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं। ध्यान रहे कि इस घरेलू नुस्खे में शुद्ध शहद का इस्तेमाल करें। 3. तुलसी कई लोग यह सोचते हैं कि चक्कर आने पर क्या उपचार करें, लेकिन यह इतना भी मुश्किल नहीं है। दरअसल, चक्कर आने की समस्या को ठीक करने के तुलसी के पौधे के अर्क का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये दोनों गुण चक्कर आने की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकते हैं (8)। फिलहाल, इस संबंध में और रिसर्च की जरूरत है। कैसे करें इस्तेमाल : तुलसी की कुछ पत्तियों को पीसकर करीब आधा चम्मच अर्क निकाल लें। चक्कर आने की अवस्था में इस अर्क का सेवन करने से फायदा हो सकता है। 4. बादाम पौष्टिक तत्वों से भरपूर बादाम को बेहतरीन ड्राई फूट माना जाता है। बादाम का सेवन चक्कर आने का घरेलू उपाय हो सकता है। बादाम में विटामिन-बी 6 की मात्रा पाई जाती है (9)। वहीं, विटामिन-बी6 का सेवन करने से सिर में चक्कर आने जैसी समस्या को रोका जा सकता है (10)। हालांकि, बादाम में विटामिन-बी6 की मात्रा सीमित होती है, इसलिए इसके सेवन के स्थान पर ऊपर दिए गए अन्य उपचार को भी अपना सकते हैं। कैसे करें इस्तेमाल : 4-5 बादाम रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह इनके छिलके उतारकर बारीक पीस लें। फिर इन्हें दूध (दूध को उबालकर ठंडा होने के बाद) के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। 5. गिंग्को बिलोबा चक्कर आने का घरेलू उपाय के लिए गिंग्को बिलोबा का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन हो सकता है, क्योंकि गिंग्को बिलोबा से निकलने वाले अर्क में विशेष चिकित्सकीय गुण पाए जाते हैं। एक क्लिनिकल स्टडी के अनुसार, इसका सेवन करने से चक्कर आने की समस्या का समाधान किया जा सकता है (11)। हालांकि, सिर में चक्कर आना खत्म करने के लिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, क्योंकि इसके चक्कर को ठीक करने की क्रिया पर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक शोध का अभाव है। कैसे करें इस्तेमाल : गिंग्को बिलोबा (हरे रंग की पत्तियों वाला एक पौधा) बाजार में आसानी से मिल जाता है। इसे घर लाकर अच्छी तरह धो लें। फिर इसकी पत्तियों को निचोड़कर या ओखली में कूटकर इसका अर्क निकाल लें। अब इसके अर्क का सेवन पीड़ित व्यक्ति को कराया जा सकता है। ध्यान दें कि इसके सेवन की सही मात्रा की जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। 6. आंवला चक्कर की दवा के रूप में आंवले का यूनानी और आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है, क्योंकि इसे गुणकारी फल माना जाता है। आंवले में एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में बताया गया है कि आंवले के फल के गूदे को सिर पर लगाने से सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या को कम किया जा सकता है (12)। इस प्रकार आंवला सिर घूमने का घरेलू उपचार हो सकता है। कैसे करें इस्तेमाल : दो-तीन बूंद सरसों का तेल लें। आंवले के गूदे का पेस्ट बना लें और इसमें सरसों का तेल मिला लें। अब हल्के हाथों इसे स्कैल्प पर लगाएं। करीब 30 मिनट के बाद सिर को शैम्पू से धो लें। 7. भरपूर मात्रा में पिएं पानी जैसा कि ऊपर भी बताया जा चुका है कि चक्कर आने का एक कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है (2)। इसलिए, दिनभर में पानी का भरपूर सेवन किया जाना चाहिए। यह चक्कर आने का घरेलू उपाय के रूप में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इससे शरीर दिनभर हाइड्रेट रहता है और चक्कर आने की समस्या को कुछ कम किया जा सकता है (13)। 8. नींबू सिर का चक्कर आने पर नींबू का सेवन करना भी लाभदायक साबित हो सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, नींबू का सेवन मतली आने के जोखिम को कम करने के साथ-साथ चक्कर आने की समस्या को भी कम कर सकता है (14)। हालांकि, यह किस प्रकार सिर घूमने का घरेलू उपचार हो सकता है, इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है। कैसे करें इस्तेमाल : एक गिलास पानी लें। आधे नींबू के रस को इस पानी में मिक्स कर दें। अब चक्कर आने की अवस्था में इसका सेवन कर सकते हैं। 9. गहरी सांस लें चक्कर आने पर तुरंत उपचार के तौर पर लंबी और गहरी सांस लेनी चाहिए। इससे समस्या को कुछ कम किया जा सकता है। लंबी गहरी सांस लेने पर दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचती है और लाइटहेडेड के कारण आने वाले चक्कर को कुछ कम किया जा सकता है (1)। सांस को किस प्रकार लेना व छोड़ना है, इस बारे में पहले योग्य योग ट्रेनर से जरूर पूछ लें। खुद से इसे करने पर फायदे की जगह नुकसान हो सकता है, क्योंकि लंबी गहरी सांस लेना व छोड़ना भी एक तकनीक है। स्क्राॅल करें आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि चक्कर आने के समस्या में क्या खाएं। चक्कर आने के समस्या में क्या खाना चाहिए? स्वस्थ आहार को अपनी डाइट में शामिल करके भी चक्कर आने का उपचार करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, चक्कर आने के कारण को लेकर किए गए एक वैज्ञानिक शोध में पुष्टि की गई है कि भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में स्वस्थ डाइट के जरिए चक्कर आने का उपचार करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को जगह देनी चाहिए (13)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त पोषक तत्व जरूरी हैं। आइए, अब जानते हैं कि चक्कर आने का इलाज क्या हो सकता है। चक्कर आने का इलाज – Treatments for dizziness in Hindi चक्कर आने का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इलाज में दवाइयों से लेकर फिजिकल थेरेपी और साइकोथेरेपी तक शामिल है। इसके अलावा, कुछ मामलों में सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है (16)। इसके अलावा नीचे दिए उपाय भी चक्कर के इलाज में फायदेमंद हो सकते हैं: यदि माइग्रेन के साथ चक्कर आते हैं, तो इस दौरान माइग्रेन की दवा चक्कर के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। चिंता के कारण भी चक्कर की समस्या हो सकती है, इससे बचने के लिए एंटी-एंग्जायटी दवाएं फायदेमंद हो सकती हैं। कान में सूजन कारण भी चक्कर आ सकते है। इसे मेनिएरेस डिजीज कहा जाता है (15)। इसे दूर करने के लिए वाटर पिल या फिर ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) दवाएं ले सकते हैं। डॉक्टर के द्वारा चक्कर के इलाज के लिए एंटीहिसटामाइन और एंटीकोलिनेर्जिक्स दवाओं का सुझाव दिया जा सकता है। जब चक्कर आना शुरू होता है, तो जितनी जल्दी हो सके लेट जाने से कुछ फायदा हो सकता है। एक्यूपंक्चर और फिजिकल थेरेपी के जरिए भी इसका इलाज किया जा सकता है। फिजिकल थेरेपी में खासतौर पर वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन (Vestibular Rehabilitation) कराया जाता है, जिससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है (16)। चक्कर आने की समस्या को इप्ले मेन्यूबर (Epley Maneuver) नामक व्यायाम से भी ठीक किया जा सकता है। यहां हम बता रहे हैं कि इसे कैसे किया जाता है (17): सबसे पहले बिस्तर पर बैठ जाएं और अपने सिर को थोड़ा-सा दाहिनी ओर झुका लें। अब सिर को हिलाए बिना इसी अवस्था में पीठ के बल लेट जाएं। ध्यान रहे तकिया कंधों के नीचे होना चाहिए, ताकि सिर नीचे की ओर झुका रहे। इस स्थिति में कम से कम 30 सेंकड तक रहें। इसके बाद बिना अपना सिर उठाए सिर को दूसरी दिशा में यानी बाईं ओर मोड़ लें। इस स्थिति में भी आपको कम से कम 30 सेकंड तक रहना है। इसके बाद सिर को हिलाए बिना अपने शरीर को भी बाईं ओर मोड़ लें और इस स्थिति में भी कम से कम 30 सेकंड तक रहें। अब दाएं हाथ का सहारा लेते हुए बाईं तरफ से उठ कर बैठ जाएं। नियमित रूप से यह अभ्यास करने से कुछ फायदा हो सकता है। नोट: शुरुआत में इस व्यायाम को डॉक्टर की देखरेख में ही करें। जब अच्छी तरह अभ्यास हो जाए, तब स्वयं करें। आगे और भी जानें इलाज को जानने के बाद यहां पर इसके बचाव की जानकारी दी जा रही है। चक्कर आने से बचाव – Prevention Tips for Dizziness in Hindi अगर जरूरी सावधानियां बरती जाएं, तो चक्कर आने से खुद को बचा सकते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए नीचे हम कुछ काम के टिप्स दे रहे हैं (2): अगर लाइटहेडेड के कारण चक्कर आते हैं – अचानक से अपने पोश्चर को बदलने से बचें। अगर लेटे हुए हैं, तो धीरे से उठें और खड़े होने से पहले कुछ देर बैठे रहें। वहीं, खड़े होते समय किसी चीज का सहारा जरूर लें। अगर वर्टिगो के कारण चक्कर आते हैं – अचानक से कुछ करने और अचानक से अपनी पॉजिशन को बदलने से बचें। किसी भी कार्य को धीरे-धीरे करना शुरू करें। अगर तमाम सावधानियों के बाद भी चक्कर आते हैं, तो तेज रोशनी से बचें, न तो टीवी देखें और न ही कुछ पढ़ने का प्रयास करें, क्योंकि ये चक्कर आने की स्थिति को गंभीर बना सकते हैं। इसके अलावा भी बचाव के कुछ तरीके हैं – कैफीन, शराब, नमक और तंबाकू के सेवन से बचें। इन पदार्थों के अधिक उपयोग से समस्या और गंभीर हो सकती है। पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं, स्वस्थ आहार खाएं, पर्याप्त नींद लें और तनाव से बच रहें। किसी दवा का सेवन करने से भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। अगर ऐसा कभी हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर यात्रा करते समय चक्कर आते हैं, तो उस दौरान किताब पढ़ने से बचें और फोन का प्रयोग भी न करें। किसी-किसी को कार की पिछली सीट पर बैठकर चक्कर आते हैं। ऐसे में पिछली सीट पर बैठने से बचें। सिर को तेजी से न घुमाएं। इससे चक्कर आ सकते हैं। इस लेख में बताई गई सावधानियों को अपना कर चक्कर आने की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। वहीं, आर्टिकल में दिए गए सिर घूमने का घरेलू उपचार सटीक उपाय तो नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसके जोखिम को कुछ कम जरूर कर सकते हैं। अगर चक्कर आने की समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह किसी अन्य बीमारी का भी संकेत हो सकता है। इसलिए, बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। चक्कर की दवा के लिए भी आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं। आशा है कि चक्कर आने के उपाय की जानकारी देते इस आर्टिकल से पाठकों को जरूर फायदा होगा। स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज। अक्सर पूछे जाने वाले सवाल चक्कर के साथ उल्टी क्यों आती है? चक्कर आना और उल्टी होना कभी-कभी दोनों एक साथ भी हो सकते हैं। ऐसा मेनिएरेस डिजीज (Ménière’s disease) यानी की कान के अंदर सूजन की वजह से आने वाले चक्कर कारण हो सकता है (15)। कभी-कभी खड़े होने पर चक्कर क्यों आता है? ऐसा लाइटहेडनेस महसूस होने के कारण होता है।

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